Praakrtik Sanrakshan | भारत संस्कारों की जननी
Follow Us         

प्राकृतिक संरक्षण

एक प्रेरणादायक कहानी

एक बार एक बकरी  जंगल में घूम रही थी। तभी कुछ शिकारी कुत्ते उस के पीछे लग गये । बकरी जान बचाकर अंगूरों की झाड़ी में घुस गयी। कुत्ते आगे निकल गए।


बकरी ने चैन की साँस ली और निश्चिंतापूर्वक अँगूर की बेले खानी शुरु कर दी, और जमीन से लेकर अपनी गर्दन पहुँचे उतनी दूरी तक के सारे पत्ते खा लिए।


पत्ते झाड़ी में नहीं रहे। छिपने का सहारा समाप्त् हो जाने पर कुत्तों ने उसे देख लिया और मार डाला !! सहारा देने वाले को जो नष्ट करता है, उसकी ऐसी ही दुर्गति होती है।


मनुष्य भी आज सहारा देने वाली जीवनदायिनी नदियां, पेड़-पौधों, जानवर, पक्षियों, पर्वतों आदि को नुकसान पंहुचा रहा है और इन सभी का परिणाम भी अनेक आपदाओं के रूप में भोग रहा है। प्राकृतिक संपदाओं का योजनाबद्ध और विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए तो उनसे अधिक दिनों तक लाभ उठाया जा सकता है तथा वे भविष्य के लिये संरक्षित रह सकती हैं। 

संरक्षण का यह अर्थ कदापि नहीं कि,
1. प्राकृतिक साधनों का प्रयोग न कर उनकी रक्षा की जाए या 
2. उनके उपयोग में कंजूसी की जाए या 
3. उनकी आवश्यकता के बावजूद उन्हें बचाकर भविष्य के लिये रखा जाए। 

वरन, संरक्षण से हमारा तात्पर्य है कि संसाधनों या संपदाओं का अधिकाधिक समय तक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उपयोग।

प्राकृतिक सम्पदा बचाओ अपना कल सुरक्षित करो।
आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इस पेज को ज़रूर लाइक करें और नीचे दिए गए बटन दबा कर शेयर भी कर सकते हैं
प्राकृतिक संरक्षण
   76473   0

अगला पोस्ट देखें
सोया भाग्य
   73914   0

Comments

Write a Comment


Name*
Email
Write your Comment
सबसे समृद्ध
- Admin
   62765   0
आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी हम
- Admin
   61345   0
दूसरों से आशा
- Admin
   63893   0
ईश्वर चंद्र विद्यासागर (परिश्रमी)
- Admin
   63619   0
इंकार
- Admin
   63901   0
ईश्वर चंद्र विद्यासागर (समाज सुधारक)
- Admin
   64941   0
ईश्वर चंद्र विद्यासागर (निडरता)
- Admin
   64715   0
विनम्रता
- Admin
   65106   0
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
- Admin
   65377   0
पुण्यों का सदुपयोग
- Admin
   64948   0
सेठ लालची या दानी
- Admin
   77641   0
प्यारे बंटू भैया
- Admin
   60770   0
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
- Anonymous
   1   0
By visitng this website your accept to our terms and privacy policy for using this website.
Copyright 2025 Bharat Sanskaron Ki Janani - All Rights Reserved. A product of Anukampa Infotech.
../