किशोर नाम का एक लड़का था जो बहुत गरीब था। दिन भर कड़ी मेहनत के बाद जंगल से लकड़ियाँ काट के लाता और उन्हें बेचा करता।
एक दिन किशोर सर पर लकड़ियों का गट्ठर लिए जंगल से गुजर रहा था। अचानक उसने रास्ते में एक बूढ़े इंसान को देखा जो बहुत दुर्बल था उसको देखकर लगा कि जैसे उसने काफी दिनों खाना नहीं खाया है। किशोर का दिल पिघल गया, लेकिन वो क्या करता उसके पास खुद खाने को नहीं था वो उस बूढ़े व्यक्ति का पेट कैसे भरता? यही सोचकर दुःखी मन से किशोर आगे बढ़ गया।
आगे कुछ दूर चलने के बाद किशोर को एक औरत दिखाई दी जिसका बच्चा प्यास से रो रहा था क्यूंकि जंगल में कहीं पानी नहीं था। बच्चे की हालत देखकर किशोर से रहा नहीं गया। लेकिन क्या करता, बेचारा उसके खुद के पास जंगल में पानी नहीं था। दुःखी मन से वो फिर आगे चल दिया।
कुछ दूर जाकर किशोर को एक व्यक्ति दिखाई दिया जो तम्बू लगाने के लिए लकड़ियों की तलाश में था। किशोर ने उसे लकड़ियाँ बेच दीं और बदले में उसने किशोर को कुछ खाना और पानी दिया। किशोर के मन में कुछ ख्याल आया और वो खाना, पानी लेकर वापस जंगल की ओर दौड़ा। और जाकर बूढ़े व्यक्ति को खाना खिलाया और उस औरत के बच्चे को भी पानी पीने को दिया। ऐसा करके किशोर बहुत अच्छा महसूस कर रहा था।
इसके कुछ दिन बाद किशोर एक दिन एक पहाड़ी पर चढ़कर लकड़ियाँ काट रहा था अचानक उसका पैर फिसला और वो नीचे आ गिरा। उसके पैर में बुरी तरह चोट लग गयी और वो दर्द से चिल्लाने लगा। तभी वही बूढ़ा व्यक्ति भागा हुआ आया और उसने किशोर को उठाया। जब उस औरत को पता चला तो वो भी आई और उसने अपनी साड़ी का चीर फाड़ कर उसके पैर पे पट्टी कर दी। किशोर अब बहुत अच्छा महसूस कर रहा था।
तो आज इस कहानी को पढ़ते हुए एक वादा करिये की रोज किसी की मदद जरूर करेंगे, रोज नहीं तो कम से कम सप्ताह एक बार नहीं तो महीने में एक बार। यकीन मानिये ऐसा करते हुए आपको बहुत ख़ुशी मिलेगी और लोग भी आपकी मदद जरूर करेंगे।कहा जाता है दूसरों की मदद करना ही सबसे बड़ा धर्म है। मदद एक ऐसी चीज़ है जिसकी जरुरत हर इंसान को पड़ती है, चाहे आप बूढ़े हों, बच्चे हों या जवान। सभी के जीवन में एक समय ऐसा जरूर आता है जब हमें दूसरों की मदद की जरुरत पड़ती है। आज हर इंसान ये बोलता है कि कोई किसी की मदद नहीं करता, पर आप खुद से पूछिये - क्या आपने कभी किसी की मदद की है? अगर नहीं तो आप दूसरों से मदद की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?मित्रों, दूसरों की मदद करके भी हम असल में खुद की ही मदद कर रहे होते हैं। जब हम दूसरों की मदद करेंगे तभी जरुरत पढ़ने पर कोई दूसरा हमारी भी मदद करेगा।