Jab Hava Chalatee Hai To Main Sota Hoon | भारत संस्कारों की जननी
Follow Us         

जब हवा चलती है तो मैं सोता हूं

एक प्रेरणादायक कहानी

एक बार की बात है। एक दुर्गम पहाड़ पर एक किसान रहता था। उस दुर्गम पहाड़ पर आये दिन आंधी-तूफ़ान आते रहते थे। वह अकेला ही सारा काम संभालता। उचित पगार देने पर भी कोई मदद के लिए नहीं मिलता था।


अंततः एक सामान्य कद का पतला-दुबला अधेड़ व्यक्ति किसान के पास पहुंचा। किसान ने उससे पूछा “क्या तुम इन परिस्थितयों में काम कर सकते हो ?”


“हाँ, बस जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ।” व्यक्ति ने उत्तर दिया। 


किसान को उसका उत्तर थोड़ा अजीब लगा लेकिन चूँकि उसे कोई और काम करने वाला नहीं मिल रहा था इसलिए उसने व्यक्ति को काम पर रख लिया।


मजदूर मेहनती निकला। वह सुबह से शाम तक खेतों में मेहनत करता। किसान भी उससे काफी संतुष्ट था।


कुछ ही दिन बीते थे कि एक रात अचानक ही जोर-जोर से हवा बहने लगी। किसान अपने अनुभव से समझ गया कि अब तूफ़ान आने वाला है। वह तेजी से उठा, हाथ में लालटेन ली और मजदूर के झोपड़े की तरफ दौड़ा।

“जल्दी उठो ! देखते नहीं तूफ़ान आने वाला है !! इससे पहले की सबकुछ तबाह हो जाए कटी फसलों को बाँध कर ढक दो और बाड़े के गेट को भी रस्सियों से कस दो।” किसान चीखा।


मजदूर बड़े आराम से पलटा और बोला, “नहीं जनाब, मैंने आपसे पहले ही कहा था कि जब हवा चलती है तो मैं सोता हूँ !!!”

यह सुन किसान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। जी में आया कि उस मजदूर को पिटाई कर दे, पर अभी वो आने वाले तूफ़ान से चीजों को बचाने के लिए भागा।


किसान खेत में पहुंचा और उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह गयी। फसल की गांठें अच्छे से बंधी हुई थीं और तिरपाल से ढकी भी थी। उसके गाय-बैल सुरक्षित बंधे हुए थे। बाड़े का दरवाज़ा भी मजबूती से बंधा हुआ था। सारी चीजें बिलकुल व्यवस्थित थी और नुकसान होने की कोई संभावना नहीं बची थी। किसान अब मजदूर की ये बात कि 'जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ' समझ चुका था, और अब वो भी चैन से सो सकता था।

मित्रों, हमारी ज़िन्दगी में भी कुछ ऐसे तूफ़ान आने तय हैं। ज़रुरत इस बात की है कि हम उस मजदूर की तरह पहले से तैयारी कर के रखें ताकि मुसीबत आने पर हम भी चैन से सो सकें। जैसे कि यदि कोई विद्यार्थी शुरू से पढ़ाई करे तो परीक्षा के समय वह आराम से रह सकता है। हर महीने बचत करने वाला व्यक्ति पैसे की ज़रुरत पड़ने पर निश्चिंत रह सकता है, इत्यादि।तो चलिए हम भी कुछ ऐसा करें कि कह सकें – ”जब हवा चलती है तो मैं सोता हूँ।”
आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इस पेज को ज़रूर लाइक करें और नीचे दिए गए बटन दबा कर शेयर भी कर सकते हैं
जब हवा चलती है तो मैं सोता हूं
   64702   0

अगला पोस्ट देखें
सुनहरा मौका
   67345   0

Comments

Write a Comment


Name*
Email
Write your Comment
प्यारे बंटू भैया
- Admin
   64620   0
ज्ञान और आस्था
- Admin
   67589   0
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (भारत के नागरिकों के लिए सन्देश)
- Admin
   67559   0
पुण्यों का सदुपयोग
- Admin
   68275   0
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
- Admin
   69089   0
एक नास्तिक की भक्ति
- Admin
   77002   0
इंकार
- Admin
   67414   0
तीन सीखें
- Admin
   67861   0
माता पिता का त्याग
- Admin
   64936   0
सिपाही बना प्रकृति का रखवाला
- Admin
   65610   0
मदद और दया सबसे बड़ा धर्म
- Admin
   76509   0
रोतलू पत्थर
- Admin
   65731   0
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
- Anonymous
   1   0
By visitng this website your accept to our terms and privacy policy for using this website.
Copyright 2025 Bharat Sanskaron Ki Janani - All Rights Reserved. A product of Anukampa Infotech.
../