Dhairy Kee Pareeksha-Samajhadaar Lomri | भारत संस्कारों की जननी
Follow Us         

धैर्य की परीक्षा | समझदार लोमड़ी

एक प्रेरणादायक कहानी

जंगल का राजा शेर, अब बूढ़ा हो गया है। वह अब इतना तेज और चुस्त नहीं रहा जितना कि वह अपनी छोटी उम्र में था। 


एक बार वह जंगल में भटक रहा था। उसने दो दिनों से खाना नहीं खाया था। वह बेहद भूखा था। भटकते हुए उसने एक गुफा देखी और वह अंदर चला गया।


राजा ने सोचा कि वह गुफा के अंदर छिप जाएगा और जैसे ही गुफा का मालिक आएगा, वह उसे खा जाएगा। कुछ घंटों के बाद लोमड़ी, गुफा के बाहर आ गई। गुफा उसी की थी। जब वह प्रवेश करने वाली थी, उसने देखा कि शेर के पैरों के निशान गुफा में प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन वही पैरों के निशान बाहर नहीं निकल रहे थे।


उसने जल्दी से स्थिति को समझा और चिल्लायी, 


“ऐ मेरी बोलने वाली गुफा! मैं वापस आ गयी हूं। क्या आप मेरा स्वागत नहीं करोगी?”

कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर, वह एक बार फिर चिल्लायी, “प्रिय गुफा, क्या तुम मुझसे परेशान हो? यदि आप बात नहीं करोगी, तो मैं अंदर नहीं आऊंगी।


यह सब सुनकर शेर ने सोचा कि यह गुफा बात करने वाली है और मेरे डर से जवाब नहीं दे रही है। तो, शेर खुद चिल्लाया, 


"ओह मेरी प्यारी लोमड़ी। आप अंदर आ सकती हैं। यह आपका अपना घर है।"


लोमड़ी चालाक थी, उसे समझ आ गया कि शेर अंदर है। वह हंसीं और कभी अंदर नहीं गयी। जंगल का राजा उस दिन भोजन के रूप में लोमड़ी को प्राप्त नहीं कर सका। शेर ने महसूस किया कि यह सोचना बहुत बेवकूफी थी कि गुफा बात करेगी।

मित्रों जिस प्रकार ऋतु में परिवर्तन से गर्मी सर्दी व बरसात का मौसम आता है, ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में भी कभी ख़ुशी कभी गम तो कभी सामान्य परिस्थिति आती रहती है। परन्तु जो हर परिस्थितियों में अपना विवेक खोये बिना मन को सयंत रखते है उन्हें ही स्थाई सुख और सफलतायें मिलती है। इसलिए विपरीत परिस्थितियों में भी कभी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए।

आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इस पेज को ज़रूर लाइक करें और नीचे दिए गए बटन दबा कर शेयर भी कर सकते हैं
धैर्य की परीक्षा | समझदार लोमड़ी
   62439   0

अगला पोस्ट देखें
जादुई गेंद
   61367   0

Comments

Write a Comment


Name*
Email
Write your Comment
ईश्वर चंद्र विद्यासागर (युवाओं का मार्गदर्शन)
- Admin
   62357   0
ईश्वर चंद्र विद्यासागर (परिश्रमी)
- Admin
   62955   0
संघर्ष
- Admin
   63252   0
प्यारे बंटू भैया
- Admin
   60482   0
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (पिता की सीख)
- Admin
   62875   0
परवरिश
- Admin
   61164   0
ईमानदारी ही सबसे बड़ा धन है
- Admin
   64956   0
सिपाही बना प्रकृति का रखवाला
- Admin
   61317   0
सकारात्मक सोच
- Admin
   62762   0
दिलों की दूरियां
- Admin
   61891   0
आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी हम
- Admin
   60954   0
सच्ची मित्रता
- Admin
   72983   0
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
- Anonymous
   1   0
By visitng this website your accept to our terms and privacy policy for using this website.
Copyright 2024 Bharat Sanskaron Ki Janani - All Rights Reserved. A product of Anukampa Infotech.
../