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सूर्य गायत्री मंत्र

Surya Gayatri Mantra

ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात् ||

Om Sapt Turangay Vidhmahe Sahasra Kirnay Dheemahi Tanno Ravi Prachodyat ||

सूर्य गायत्री मंत्र का अर्थ


वह जो सात घोड़ों (वर्णक्रम बनाने वाले सात रंग) द्वारा संचालित रथ की सवारी करता है, और जो हजारों किरणें पृथ्वी तक पहुँचती हैं, मैं आपको नमन करता हूँ।

सूर्य गायत्री मंत्र का वर्णन


यह मंत्र सूर्य के हिंदू देवता भगवान सूर्य को समर्पित है, और माना जाता है कि इसमें मन, शरीर और आत्मा में स्पष्टता, ध्यान और जीवन शक्ति लाने की शक्ति है। सूर्य गायत्री मंत्र ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है, और इसे अक्सर सूर्योदय के समय भगवान सूर्य का सम्मान करने और उनके आशीर्वाद को अपने जीवन में आमंत्रित करने के लिए जप किया जाता है।
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