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शक्ति दायिनी मंत्र

Shakti Daayini Mantra

सृष्टिस्थिति विनाघानां शक्तिभूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोघ्स्तु ते।।

Srishtisthiti Vinashanam Shaktibhute Sanatani Gunaashraye Gunamaye Narayani Namostute ||

शक्ति दायिनी मंत्र का अर्थ


यह छंद भगवान नारायण को नमस्कार है, जिन्हें ब्रह्मांड का परम निर्माता और निर्वाहक माना जाता है। यह भगवान की शक्ति और शाश्वत प्रकृति को स्वीकार करता है, जो सभी ऊर्जा और अस्तित्व का स्रोत है।

शक्ति दायिनी मंत्र का वर्णन 


यह श्लोक उस दैवीय शक्ति के प्रति श्रद्धा और भक्ति की एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है जिसे ब्रह्मांड के अस्तित्व के लिए जिम्मेदार माना जाता है। यह हमें इस शक्ति के गुणों पर विचार करने और अपना सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित करता है।
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