Om Purnamadah Purnamidam Mantra | भारत संस्कारों की जननी
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ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं मंत्र

Om Purnamadah Purnamidam Mantra

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पुर्णमुदच्यते
पूर्णश्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

Om Puurnnam-Adah Puurnnam-Idam Puurnnaat-Purnnam-Udacyate
Puurnnashya Puurnnam-Aadaaya Puurnnam-Eva-Avashissyate ||
Om Shaantih Shaantih Shaantih ||

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं मंत्र का अर्थ


ओम्! वह अनंत है, और यह (ब्रह्मांड) अनंत है।

अनंत से अनंत आगे बढ़ता है।

तब अनंत ब्रह्माण्ड की भक्ति को लेते हुए,

यह अकेले अनंत के रूप में रहता है।

ओम्! शांति! शांति! शांति!

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं मंत्र का वर्णन 


यह संस्कृत श्लोक एक शांति मंत्र है, जो शांति और सद्भाव के लिए एक प्रार्थना या जप है। यह अक्सर आध्यात्मिक या ध्यान अभ्यास की शुरुआत या अंत में सुनाया जाता है। शांति मंत्र हमें सिखाता है कि सब कुछ अपने आप में संपूर्ण और पूर्ण है, और दिव्य चेतना अनंत और सर्वव्यापी है। इस मंत्र का जाप करके हम आंतरिक शांति और सद्भाव की भावना विकसित कर सकते हैं और उस शांति को अपने आसपास की दुनिया तक पहुंचा सकते हैं।
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ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं मंत्र
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