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कृष्ण गायत्री मंत्र

Krishna Gayatri Mantra

ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि,
तन्नो कृष्णः प्रचोदयात् |

Om Devakinandanaay Vidmahe Vaasudevaay Dheemahi,
Tanno Krishnah Prachodyaat |

कृष्ण गायत्री मंत्र का अर्थ


ओम, मुझे उस देवता का ध्यान करना चाहिए जिसका पेट रस्सी से बंधा हुआ था, ओह, रुक्मणी के संगी, मुझे उच्च बुद्धि दें, और भगवान कृष्ण को मेरा मन रोशन करने दो।

कृष्ण गायत्री मंत्र का वर्णन


यह एक संस्कृत मंत्र है जिसे आमतौर पर हिंदू धर्म में सबसे सम्मानित देवताओं में से एक भगवान कृष्ण की स्तुति में बोला जाता है। यह मंत्र भगवान कृष्ण की दिव्य ऊर्जा से जुड़ने और उनका आशीर्वाद लेने का एक शक्तिशाली तरीका है।
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कृष्ण गायत्री मंत्र
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